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वक्फ एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले मिली धमकी, फैसला खिलाफ हुआ तो भारत ठप. जानें किसने दी ये धमकी ?

  • PublishedApril 16, 2025

हाल ही में केंद्र सरकार ने संसद में नया वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पारित किया था। विपक्ष लगातार इस कानून का विरोध कर रहा है। एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं और संगठनों ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।
कुछ मुस्लिम संगठनों ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाया है। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ बुधवार को इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। अदालत ने सुनवाई के लिए कुल 10 याचिकाएं सूचीबद्ध की हैं, जिन पर दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी। सुनवाई से पहले ही इन याचिकाओं पर मनमाना निर्णय न देने पर धमकियां देने का मामला सामने आया है।
एक विशेष समुदाय के नेता कह रहे हैं कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी बात नहीं सुनी तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। किसी भी परिस्थिति में वक्फ संशोधन अधिनियम का अनुपालन नहीं किया जाएगा। बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक वीडियो शेयर किया है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले का है। वीडियो में अखिल भारतीय इमाम संघ के जिला अध्यक्ष सरकार को धमकी देते नजर आ रहे हैं।

देश को ठप्प कर देगा

वीडियो में शख्त कहते नजर आ रहे हैं कि मामले की सुनवाई 16 अप्रैल को होगी। हम तारीख का इंतजार कर रहे हैं। यदि सुप्रीम कोर्ट इस कानून को अमान्य कर देता है तो फैसला हमारे पक्ष में होगा। हम कोई कार्रवाई नहीं करेंगे, शांति से रहेंगे। अगर खाज़ ख़ाली ख़ाली आता है, तो जाओ। सड़कें और गलियाँ हमेशा के लिए जाम हो जाएँगी। हम रेलगाड़ियां रोक देंगे. गांवों में जाओ और रेलगाड़ियां, कारें, बाइकें और सड़कें रोक दो। सबकुछ बंद हो जायेगा. केवल बंगाल ही नहीं, पूरा भारत ठप्प हो जाएगा।

सुवेंदु अधिकारी ने उठाया सवाल

शुभेंदु अधिकारी ने वीडियो शेयर कर सवाल उठाए हैं। सुवेंदु का कहना है कि कुछ लोग गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं, क्या पुलिस उन पर मामला दर्ज नहीं कर रही है? बंगाल में कानून और व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है। ऐसे चरमपंथियों पर कार्रवाई करने और उन्हें गिरफ्तार करने के बजाय, ममता बनर्जी कल वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ लोगों के साथ मंच साझा करने जा रही हैं, जो अब देश का कानून है।

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