
चेन्नई 7 अप्रैल . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार सुबह तमिलनाडु के नगर प्रशासन मंत्री केएन नेहरू के भाई रविचंद्रन से जुड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी टीवीएच ग्रुप के कई ठिकानों पर छापेमारी की.
यह कार्रवाई अवैध वित्तीय लेनदेन के आरोपों के तहत की जा रही है. ये छापे कथित तौर पर संदिग्ध अवैध वित्तीय लेनदेन की जांच का हिस्सा हैं. सूत्रों के अनुसार, ईडी की टीमें चेन्नई के तेनाम्पेट, अलवरपेट, बेसेंट नगर, सीआईटी कॉलोनी और एमआरसी नगरमें 10 से अधिक निजी निर्माण फर्मों और परियोजना स्थलों पर तलाशी ले रही है.
जांच एजेंसी की यह छापेमारी मंत्री और उनके परिवार से जुड़े अन्य ठिकानों तक भी फैली हुई है. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि छापों का मुख्य उद्देश्य क्या है, लेकिन माना जा रहा है कि यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितताओं और संदिग्ध लेनदेन से संबंधित सबूत जुटाने के लिए की जा रही है.
यह घटनाक्रम तमिलनाडु के शराब व्यापार क्षेत्र के खिलाफ हाल ही में ईडी की कार्रवाई के बाद हुआ है. 6 मार्च को, एजेंसी ने तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (टीएएसएमएसी) के भीतर कथित अनियमितताओं से जुड़े बड़े पैमाने पर छापे मारे, जिसका राज्य में भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) के वितरण पर एकाधिकार है. यह तलाशी एग्मोर में थलामुथु नटराजन बिल्डिंग में टीएएसएमएसी मुख्यालय के साथ-साथ प्रमुख शराब ठेकेदारों और डिस्टिलरी के कार्यालयों तक फैली हुई थी.
जिन परिसरों पर छापा मारा गया, उनमें द्रमुक नेता जगतरक्षकन, ग्रीम्स रोड पर एसएनजे डिस्टिलरीज, टी. नगर में अक्काडु डिस्टिलर्स और राधा कृष्णन सलाई पर एक एमजीएम शराब ठेकेदार के परिसर शामिल थे.
कोयम्बटूर के नरसिंहनाइकेनपलायम में शिवा डिस्टिलरी पर अतिरिक्त छापे मारे गए.
ईडी के सूत्रों ने पुष्टि की कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य टीएएसएमएसी अनुबंधों और परिचालनों से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं और संभावित धन शोधन को उजागर करना था.
गौरतलब है कि सेंथिल बालाजी को ईडी ने 14 जून, 2023 को अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कथित कैश-फॉर-जॉब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था.
गिरफ्तारी के बाद वह डीएमके में शामिल हो गए और बाद में उन्हें बिजली मंत्री नियुक्त किया गया. 12 अगस्त, 2023 को ईडी ने उनके खिलाफ 3,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने निजी लाभ के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया. दस्तावेज में आगे दावा किया गया कि बालाजी ने अपने भाई आरवी अशोक कुमार, निजी सहयोगियों और परिवहन विभाग के अधिकारियों की मदद से घोटाले की साजिश रची, जिससे ऑपरेशन के माध्यम से उत्पन्न अवैध धन से सीधे लाभ हुआ.