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अमित शाह का दो दिवसीय बिहार दौरा, करोड़ों की देंगे सौगात

  • PublishedMarch 29, 2025

पटना 29 मार्च . केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय बिहार दौरे पर आज पटना पहुंचेंगे. दूसरे और अंतिम दिन शाह राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के गढ़ गोपालगंज में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे.
इस दौरे में गृहमंत्री बिहार को करोड़ों की सौगात भी देंगे.

शाह के दौरे को लेकर भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने शुक्रवार को कहा, ‘अमित शाह के शाम 7.45 बजे पटना हवाई अड्डे पर पहुंचने की संभावना है. वे पार्टी विधायकों से बातचीत के लिए सीधे भाजपा मुख्यालय जाएंगे. इसके बाद देर रात पार्टी कोर कमेटी की बैठक होगी. रविवार को पटना में सहकारिता विभाग के एक समारोह को संबोधित करने के बाद शाह गोपालगंज जिले में एक रैली के लिए रवाना होंगे.’

बिहार भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘गोपालगंज से लौटने के बाद शाह राजग की महत्वपूर्ण बैठक के लिए मुख्यमंत्री के आवास पर जाएंगे, उसके बाद वह अपनी वापसी की उड़ान भरेंगे.’

बैठक में उनकी पार्टी भाजपा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद(यू) के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) तथा जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा शामिल होंगे.

इसके साथ ही अमित शाह 30 मार्च को पटना के बापू सभागार में सहकारिता विभाग की कई योजनाओं का तोहफा देते हुए उनका उद्घाटन भी करेंगे. शाह के बापू सभागार कार्यक्रम में बिहार के 5350 पैक्स, मत्स्यजीवी सहयोग समितियों, बुनकर सहयोग समितियों, 1000 दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों, 300 ब्लॉक लेवल सब्जी उत्पादक सहयोग समितियों और 300 हैंडलूम बुनकर समितियों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे. इस दौरान मखाना प्रोसेसिंग सेंटर का भी तोहफा दिया जाएगा.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के लिहाज से अमित शाह का यह दौरा काफी अहम है. इसे एनडीए की चुनावी तैयारियों को रफ्तार देने के साथ ही गठबंधन के एजेंडे को मजबूत करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है.

पार्टी के मुताबिक शाह बीजेपी सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक कर संगठन को मजबूती देने पर मंथन करेंगे. वहीं, राजद प्रमुख के गढ़ गोपालगंज में होने वाली जनसभा से यह संदेश देने की कोशिश होगी कि केंद्र और राज्य में गठबंधन की सरकार पूरी मजबूती के साथ चुनावी मैदान में उतर रही है. इसके जरिए विपक्ष, खासकर महागठबंधन (राजद-कांग्रेस-वामदल), को स्पष्ट संकेत दिया जाएगा कि एनडीए आक्रामक रणनीति के साथ मैदान में उतरने वाली है.

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