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अब नहीं होगा राजस्थान के बिजलीघरों में कोयले का संकट! ‘परसा’ खदान में खनन शुरू

  • PublishedMarch 22, 2025

राजस्थान में बिजली उत्पादन के मोर्चे पर एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। राज्य सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और केंद्र सरकार के सहयोग से छत्तीसगढ़ की परसा कोयला खदान में खनन कार्य शुरू हो चुका है।

राजस्थान में बिजली उत्पादन को मिली राहत: परसा कोयला खदान में खनन कार्य शुरू

राजस्थान में बिजली उत्पादन को लेकर एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। राज्य सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और केंद्र सरकार के सहयोग से छत्तीसगढ़ स्थित परसा कोयला खदान में खनन कार्य फिर से शुरू हो चुका है। यह खबर न केवल राजस्थान बल्कि देश के ऊर्जा क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण है। बिजली उत्पादन में स्थिरता बनाए रखने और ऊर्जा संकट को दूर करने में यह एक अहम कदम साबित होगा।

राजस्थान में बिजली संकट और कोयला खदान की भूमिका

राजस्थान एक प्रमुख औद्योगिक और कृषि प्रधान राज्य है, जहां ऊर्जा की मांग लगातार बढ़ रही है। पिछले कुछ वर्षों में बिजली संकट एक बड़ी समस्या बनकर उभरा था। इसका मुख्य कारण कोयले की आपूर्ति में कमी थी, जिससे राज्य की बिजली उत्पादन इकाइयों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

परसा कोयला खदान छत्तीसगढ़ में स्थित है और यह राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (Rajasthan Rajya Vidyut Utpadan Nigam Limited – RRVUNL) के लिए कोयले की आपूर्ति का एक प्रमुख स्रोत है। इस खदान से कोयला आपूर्ति सुचारू रूप से मिलने पर राजस्थान में थर्मल पावर प्लांट्स को निरंतर ऊर्जा उत्पादन में मदद मिलेगी।

परसा कोयला खदान में खनन कार्य क्यों था रुका?

परसा कोयला खदान में खनन कार्य कुछ समय के लिए बाधित हो गया था, जिसका मुख्य कारण पर्यावरणीय और कानूनी अड़चनें थीं। पर्यावरणविदों और स्थानीय समुदायों द्वारा उठाई गई चिंताओं के कारण इस खदान में कोयला खनन पर रोक लग गई थी। इससे राजस्थान कोयला संकट से जूझ रहा था और बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ था।

लेकिन राज्य सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और केंद्र सरकार के सहयोग से इन अड़चनों को पार किया गया और खदान में खनन कार्य फिर से शुरू किया गया। यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जिससे राजस्थान में ऊर्जा संकट से निपटने में मदद मिलेगी।

बिजली उत्पादन में सुधार की उम्मीद

खनन कार्य शुरू होने के बाद राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में कोयला मिलने की उम्मीद है, जिससे राज्य के थर्मल पावर प्लांट्स में बिजली उत्पादन की निरंतरता बनी रहेगी। कोयला खदानों से कोयले की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होने पर राज्य में लोड शेडिंग और बिजली कटौती की समस्याओं में भी कमी आएगी।

इसके अलावा, इससे औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को भी लाभ होगा। बिजली की उपलब्धता से उद्योगों का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को सिंचाई के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति मिलेगी। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

राज्य सरकार की पहल और केंद्र सरकार का सहयोग

राजस्थान सरकार ने इस परियोजना को फिर से शुरू कराने के लिए कई अहम कदम उठाए। मुख्यमंत्री और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने केंद्र सरकार से लगातार बातचीत की और इस परियोजना के लिए आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किया।

केंद्र सरकार ने भी इस पहल को समर्थन दिया और पर्यावरणीय मंजूरी के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को तेज किया। इसके अलावा, तकनीकी और प्रशासनिक स्तर पर भी सहयोग प्रदान किया गया, जिससे यह परियोजना फिर से शुरू हो सकी।

कोयला खनन का पर्यावरणीय प्रभाव और सतत विकास

परसा कोयला खदान में खनन कार्य शुरू होने से पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर भी कई सवाल उठे हैं। हालांकि, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि खनन प्रक्रिया पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप हो। सतत विकास को ध्यान में रखते हुए पुनर्वनीकरण (reforestation) और जल संरक्षण जैसी योजनाओं को लागू किया जा रहा है।

खनन क्षेत्र में पर्यावरणीय क्षति को कम करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, सरकार ने यह भी कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय समुदायों के विकास के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।

राजस्थान की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम

परसा कोयला खदान में खनन कार्य शुरू होने से राजस्थान की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। इससे राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाया जा सकेगा। साथ ही, यह पहल राज्य के आर्थिक विकास में भी सहायक साबित होगी।

बिजली उत्पादन में स्थिरता से घरेलू उपभोक्ताओं, उद्योगों और किसानों को राहत मिलेगी। यह परियोजना राजस्थान की ऊर्जा नीति को मजबूत करने और भविष्य में ऊर्जा संकट से निपटने में मददगार साबित होगी।

निष्कर्ष

राजस्थान में बिजली उत्पादन को लेकर आई यह राहत की खबर राज्य के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। परसा कोयला खदान में खनन कार्य फिर से शुरू होने से राज्य में ऊर्जा संकट को दूर करने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से इस परियोजना को सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है, जिससे राजस्थान की ऊर्जा आपूर्ति में सुधार होगा।

इससे न केवल बिजली उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को भी फायदा मिलेगा। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को प्राथमिकता दी जाए। कुल मिलाकर, यह एक सकारात्मक कदम है जो राजस्थान के भविष्य को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगा।

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