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हरियाणा का अपना आधिकारिक राज्य गान है. इस हफ्ते बजट सत्र में ‘जय जय जय हरियाणा’ गूंजेगा

  • PublishedMarch 5, 2025

गुरुग्राम हरियाणा अपना आधिकारिक राज्य गान आगामी बजट सत्र के दौरान प्रस्तुत करेगा, जो 7 मार्च से शुरू हो रहा है.
जय जय जय हरियाणा’ को पिछले महीने पांच सदस्यीय राज्य गीत चयन समिति द्वारा अंतिम रूप दिया गया था, जिसकी अध्यक्षता रेवाड़ी से बीजेपी विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने की थी.
21 पंक्तियों वाले इस गीत में हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व का जिक्र किया गया है. यह कुरुक्षेत्र की पावन भूमि, इसके सैनिकों की वीरता, किसानों की मेहनत और खिलाड़ियों की उपलब्धियों को श्रद्धांजलि देता है, साथ ही राज्य के दूध और दही के प्रति प्रेम को भी दर्शाता है.

गान के बोल पानीपत के डॉ. बलकिशन शर्मा ने लिखे हैं, जो हिंदी और हरियाणवी लोक साहित्य के जाने-माने विद्वान हैं. इसका संगीत पारस चोपड़ा ने तैयार किया है और रोहतक की मालविका पंडित ने इसका निर्देशन किया है, जबकि इसे डॉ. श्याम शर्मा ने गाया है.

फतेहाबाद से कांग्रेस विधायक और गीत चयन समिति के सदस्य बलवान सिंह दौलतपुरिया ने मंगलवार को दि प्रिंट को बताया कि समिति ने राज्य विधानसभा में हुई बैठकों के दौरान तीन चयनित गीतों के कई संस्करण सुने. उन्होंने कहा, “कुछ वर्जन में हरियाणवी टच की कमी थी, जबकि कुछ पूरे हरियाणा का सही ढंग से वर्णन नहीं कर सके. हालांकि, ‘जय जय जय हरियाणा’ हरियाणा की सही पहचान के रूप में सामने आया.”

हरियाणा के लिए गान होने का विचार 2019-2024 विधानसभा कार्यकाल के दौरान प्रस्तावित किया गया था, और इस अवधि के दौरान अधिकांश आधारभूत कार्य पूरा किया गया. 2024 के चुनावों के बाद चयन प्रक्रिया जारी रही और आखिरकार 28 फरवरी को अंतिम निर्णय लिया गया.

गान हरियाणा की जीवनशैली को भी दर्शाता है, जिसमें राज्य के पारंपरिक आहार-दूध और दही-पर खास जोर दिया गया है, यह हरियाणा की सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी दर्शाता है, जहां होली, दीवाली, ईद और गुरुपुरब जैसे त्योहार मिलकर मनाए जाते हैं. इसके अलावा, यह शिक्षा और व्यापार में हरियाणा की प्रगति को रेखांकित करते हुए इसके समृद्ध लोक कलाओं, जैसे सांग और रागिनी को भी दर्शाता है.

गीत में हरियाणा के राष्ट्रीय योगदान का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें किसान, जो देश के लिए स्वर्णिम फसल उगाते हैं, खिलाड़ी, जो पदक जीतते हैं, और सैनिक, जो राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा करते हैं, शामिल हैं. गीत के अंत में हरियाणा को एक छोटा लेकिन गर्व से भरा राज्य बताया गया है, जहां ‘अतिथि देवो भव’ की परंपरा आज भी जीवित है.

गीतकार डॉ. बलकिशन शर्मा एसडी पीजी कॉलेज, पानीपत में एसोसिएट प्रोफेसर रहे हैं और हिंदी विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं. वे हिंदी और हरियाणवी लोक साहित्य के प्रतिष्ठित विद्वान हैं और उन्होंने आठ किताबें लिखी हैं.

दिप्रिंट से बात करते हुए, डॉ. शर्मा ने बताया कि हरियाणा कला और संस्कृति विभाग ने 2023 में राज्य गान के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की थीं. 500 एंट्रिज़ में से सात को शॉर्टलिस्ट की गईं, और तीन को 2023 के शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में प्रस्तुत किया गया.

राज्य गान को अपनाने की यह पहल हरियाणा को महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों की श्रेणी में लाती है, जिनके अपने आधिकारिक गीत हैं-’जय जय महाराष्ट्र माझा’ और ‘जय जय गरवी गुजरात’.

हरियाणा का आधिकारिक राज्य गान: ‘जय जय जय हरियाणा’

हरियाणा, जो अपनी समृद्ध संस्कृति, गौरवशाली इतिहास और वीरता के लिए प्रसिद्ध है, अब अपने आधिकारिक राज्य गान ‘जय जय जय हरियाणा’ के माध्यम से अपनी पहचान को और मजबूती प्रदान कर रहा है। हाल ही में, हरियाणा सरकार ने इस गान को राज्य का आधिकारिक गान घोषित किया है। इस बार के बजट सत्र में यह गान पहली बार गूंजेगा, जिससे यह पूरे राज्य में गर्व और उत्साह का विषय बन गया है।

‘जय जय जय हरियाणा’ को राज्य गान घोषित करने का महत्व

हरियाणा का राज्य गान न केवल राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में मदद करेगा, बल्कि इससे राज्य की एकता और गौरव को भी बल मिलेगा। यह गान हरियाणवी संस्कृति, परंपराओं, इतिहास और राज्य की उपलब्धियों को प्रतिबिंबित करता है।

हरियाणा की समृद्ध विरासत

हरियाणा, जिसे भारत की ‘दूध-दही की धरती’ के रूप में जाना जाता है, कृषि, खेल और सैनिकों के योगदान के लिए प्रसिद्ध है। इस राज्य ने स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसे भारत की ‘वीर भूमि’ भी कहा जाता है। ऐसे में एक राज्य गान की आवश्यकता थी, जो इन सभी विशेषताओं को उजागर कर सके और राज्यवासियों में गर्व की भावना भर सके।

राज्य गान की मुख्य विशेषताएँ

हरियाणा के राज्य गान ‘जय जय जय हरियाणा’ के बोल राज्य की संस्कृति, वीरता, और उन्नति को प्रतिबिंबित करते हैं। इस गान में हरियाणा के किसानों, सैनिकों, खिलाड़ियों, और विद्वानों के योगदान को सराहा गया है।

गान के प्रमुख तत्व:

  1. हरियाणा की वीरता: गान में राज्य के वीर सैनिकों का गुणगान किया गया है, जो हमेशा देश की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं।
  2. कृषि और किसान: हरियाणा की कृषि व्यवस्था और मेहनती किसानों की भूमिका को भी इसमें सम्मान दिया गया है।
  3. खेल और खिलाड़ी: हरियाणा के खिलाड़ियों का उल्लेख किया गया है, जिन्होंने ओलंपिक्स और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन किया है।
  4. संस्कृति और परंपरा: हरियाणा की समृद्ध लोक संस्कृति और परंपराओं को भी इस गान में सम्मिलित किया गया है।
  5. राज्य की एकता: यह गान राज्य के लोगों को एकता के सूत्र में बाँधता है और उनमें देशभक्ति की भावना विकसित करता है।

राज्य गान का बजट सत्र में अनावरण

इस बार के हरियाणा विधानसभा बजट सत्र में पहली बार ‘जय जय जय हरियाणा’ को आधिकारिक रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। यह क्षण राज्य के लिए ऐतिहासिक होगा, क्योंकि यह पहली बार होगा जब हरियाणा को अपना आधिकारिक राज्य गान मिलेगा।

राज्य सरकार की पहल

हरियाणा सरकार ने इस गान को राज्य की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करने के लिए अपनाया है। मुख्यमंत्री और राज्य के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इस पहल की सराहना की है और इसे हरियाणा के लिए एक गर्व का क्षण बताया है।

हरियाणा की सांस्कृतिक पहचान को बल

हरियाणा का यह राज्य गान राज्य की सांस्कृतिक पहचान को और सशक्त करेगा। यह न केवल सरकारी आयोजनों में बजाया जाएगा, बल्कि इसे स्कूलों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी अनिवार्य किया जा सकता है। यह गान आने वाली पीढ़ियों को राज्य की गौरवशाली विरासत से परिचित कराने में मदद करेगा।

जनता की प्रतिक्रिया

हरियाणा के लोग इस नए राज्य गान को लेकर बेहद उत्साहित हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ दी हैं और इसे गर्व का विषय बताया है। कई लोगों का मानना है कि यह पहल हरियाणा की पहचान को और सशक्त करेगी और युवाओं में अपने राज्य के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना को बढ़ाएगी।

हरियाणा के अन्य सांस्कृतिक प्रतीक

हरियाणा का राज्य गान तो नया है, लेकिन राज्य पहले से ही कई सांस्कृतिक प्रतीकों के लिए जाना जाता है:

  • राज्य पशु: काला हिरण
  • राज्य पक्षी: काला तीतर
  • राज्य वृक्ष: पीपल
  • राज्य फूल: कमल
  • राज्य खेल: कुश्ती

अब, ‘जय जय जय हरियाणा’ को राज्य गान के रूप में शामिल किए जाने से, हरियाणा की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती मिलेगी।

निष्कर्ष

हरियाणा का आधिकारिक राज्य गान ‘जय जय जय हरियाणा’ राज्य की गौरवशाली संस्कृति, परंपराओं और उपलब्धियों को दर्शाता है। इसे बजट सत्र में पहली बार प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे यह एक ऐतिहासिक क्षण बनेगा। इस गान को अपनाने से राज्य की एकता और सांस्कृतिक पहचान को बल मिलेगा, जिससे हरियाणा के नागरिकों में अपने राज्य के प्रति गर्व की भावना विकसित होगी। यह पहल निश्चित रूप से हरियाणा की नई पहचान को गढ़ने में मदद करेगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

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