सेक्स सीडी कांड में पूर्व CM भूपेश बघेल आरोपों से बरी, CBI की विशेष कोर्ट ने सभी धाराएं हटाई

सीबीआई की विशेष अदालत ने सेक्स सीडी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बरी कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है और उन पर मुकदमा चलाने का कोई आधार भी नहीं है।
इसे ध्यान में रखते हुए, उन्हें बरी किया जाता है। उनके वकील मनीष दत्त ने अदालत को बताया कि उनकी पार्टी भूपेश बघेल ने न तो सीडी बनवाई और न ही किसी को बांटी। उनके विरुद्ध किसी भी प्रकार का कोई आपराधिक मामला नहीं बनता। उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए न्यायाधीश से अनुरोध किया गया कि उन्हें बरी कर दिया जाए।
शाम को फैसला आने के बाद भूपेश बघेल ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा कि सत्यमेव जयते। इससे पहले मंगलवार को पूर्व सीएम ने विशेष अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। इस दौरान उनके अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि अगस्त में सीडी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। इसके बाद 26 अक्टूबर को विनोद वर्मा के घर पर छापेमारी की गई। इस मामले में अब तक सामने आए बयान में यह बात सामने आई है कि इस सीडी के बारे में सभी को पहले से ही जानकारी मिल गई थी।
वहीं, आकाश बजाज ने एफआईआर में बताया था कि उनके पास एक कॉल आया था। इसके अलावा, बयान में कहा गया कि किसी ने पैकेट में सीडी छोड़ दी थी। इस पूरे प्रकरण में उनकी पार्टी की कोई भूमिका नहीं थी। उनके मुवक्किल को बिना किसी सबूत के फंसाया गया है। वहीं, सीबीआई ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि उनके पास डिजिटल सबूत हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने भूपेश बघेल को सीडी कांड से बरी करने का फैसला सुनाया।
सेक्स सीडी कांड: अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी
सेक्स सीडी मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी। इस मामले में अन्य आरोपियों विनोद वर्मा, कैलाश मुरारका, विजय भाटिया और विजय पाड्या को अदालत में पेश होने को कहा गया है। आपको बता दें कि इस मामले में एक अन्य आरोपी रिंकू खनूजा को भी आरोपी बनाया गया था। लेकिन उसकी मृत्यु हो गई है.
सेक्स सीडी कांड: जानिए क्या है सेक्स सीडी कांड
अक्टूबर 2017 में राज्य में एक कथित सेक्स सीडी सामने आई थी। बताया जा रहा है कि यह पूर्व मंत्री राजेश मूणत का है। इसके वायरल होने के बाद रायपुर के सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज किया गया। एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने विनोद वर्मा को गाजियाबाद, यूपी से गिरफ्तार कर लिया। 24 सितंबर 2018 को कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था।
सीबीआई द्वारा आरोपपत्र में आरोपी बनाये जाने के बाद भूपेश बघेल ने जमानत लेने से इनकार कर दिया। लेकिन एआईसीसी के निर्देश के बाद वह जमानत लेने को तैयार हो गए। जमानत याचिका दायर करने पर उन्हें तीन दिन बाद जेल से रिहा कर दिया गया। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर मामले की सुनवाई राज्य से बाहर करने का अनुरोध किया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट द्वारा अर्जी खारिज किए जाने के बाद 7 साल बाद एक बार फिर सुनवाई शुरू हुई।