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विपासना के लिए गए केजरीवाल लेकिन काफिले में दिखी दो-दो करोड़ की गाड़ी, वो आम आदमी नहीं : मनजिंदर सिंह सिरसा

  • PublishedMarch 5, 2025

नई दिल्ली 5 मार्च . आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल विपासना के लिए पंजाब के होशियारपुर पहुंच गए हैं. केजरीवाल के पंजाब पहुंचने के बाद अब भाजपा की ओर से प्रतिक्रिया आई है.
दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव में हार के बाद अपना असली रंग दिखा दिया है.

कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “अरविंद केजरीवाल विपासना के लिए होशियारपुर गए, लेकिन उनके काफिले का नजारा देखने वाला था. उनके काफिले में पचास से अधिक गाड़ियां शामिल थीं, जिनमें से दो-दो करोड़ रुपए की लैंड क्रूजर शामिल थीं. इसके अलावा 100 से अधिक पुलिस कमांडो उनके साथ थे. यही नहीं, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी शामिल थीं और वह कहते हैं कि शांति लेने के लिए वहां गए हैं. मैं पूछता हूं कि यह कैसी शांति है, जिसके लिए पंजाब के लोगों के खजाने से लाखों रुपए उड़ाए जा रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “यह कैसी शांति है, जिसके लिए पूरे होशियारपुर को जगाया जा रहा है और यह कैसी शांति है, जिसके लिए 100 से अधिक कमांडो को तैनात किया गया है. अरविंद केजरीवाल पहले मसीहा बनकर निकले थे और वैगन-आर में घूमते थे. मगर जैसे ही सत्ता मिली तो उन्होंने अपना असली रंग दिखा दिया. अब उनको विपासना के लिए भी 100 कमांडो चाहिए और पचास गाड़ियों का काफिला भी चाहिए. क्या इससे कम में उनकी विपासना भी नहीं होती है.”

मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो भी शेयर किया. उन्होंने मशहूर दार्शनिक प्लेटो की लाइन का जिक्र करते हुए लिखा, “किसी व्यक्ति का मापदंड यह है कि वह सत्ता का क्या उपयोग करता है. अरविंद केजरीवाल, जो कभी वैगनआर में आम आदमी होने का दिखावा करते थे, अब बुलेटप्रूफ लैंड क्रूजर, 100 से अधिक पंजाब पुलिस कमांडो, जैमर और एंबुलेंस के भव्य काफिले में चलते हैं, एक वीआईपी महाराज की तरह जो शांति के लिए विपासना के लिए हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “अगर सत्ता ही उनकी परीक्षा थी, तो वे बुरी तरह विफल हो गए हैं. किस तरह की ‘विपासना’ के लिए पंजाब के करदाताओं द्वारा वित्तपोषित भव्य सुरक्षा परेड की आवश्यकता होती है? यहां तक कि सीएम भगवंत मान भी काफिले में नहीं हैं. आपकी सच्चाई सामने आ गई है, धोखाधड़ी, पाखंड और वीआईपी अहंकार अपने चरम पर है.”

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल अक्सर खुद को आम आदमी और सImpत्रयी नेता के रूप में प्रस्तुत करते हैं। उनके सImpत्रयी जीवनशैली के दावों पर कई बार सवाल उठाए जा चुके हैं, और अब एक बार फिर यह बहस तेज हो गई है।

हाल ही में, अरविंद केजरीवाल विपासना साधना के लिए गए, जो एक ध्यान पद्धति है और आत्मशुद्धि के लिए जानी जाती है। लेकिन इस यात्रा के दौरान उनके काफिले में करोड़ों की लग्जरी गाड़ियां देखी गईं, जिसे लेकर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति खुद को “आम आदमी” कहता है, वह करोड़ों की गाड़ियों में घूमता है। इस विरोधाभास ने राजनीतिक हलकों और सोशल मीडिया पर जबरदस्त चर्चा छेड़ दी है।

आइए इस पूरे विवाद को विस्तार से समझते हैं—केजरीवाल की विपासना यात्रा क्या थी, मनजिंदर सिंह सिरसा ने उन पर क्या आरोप लगाए, और इस मुद्दे पर जनता की क्या राय है।

अरविंद केजरीवाल और विपासना साधना

अरविंद केजरीवाल आध्यात्मिकता और ध्यान में गहरी रुचि रखते हैं। वह अक्सर काम से कुछ समय निकालकर विपासना करने जाते हैं, जिससे उन्हें मानसिक शांति और ऊर्जा मिलती है।

विपासना क्या है?

  • विपासना एक प्राचीन ध्यान तकनीक है, जिसे गौतम बुद्ध ने विकसित किया था।
  • इसका उद्देश्य आत्म-जागरूकता बढ़ाना, मन को शांत करना और आंतरिक शुद्धि प्राप्त करना है।
  • विपासना में व्यक्ति कई दिनों तक मौन रहता है, बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट जाता है और केवल ध्यान व आत्मनिरीक्षण करता है।

पिछले वर्षों में भी केजरीवाल कई बार विपासना शिविरों में गए हैं। उनका मानना है कि राजनीति की भागदौड़ और तनाव के बीच यह ध्यान पद्धति उन्हें मानसिक शांति और बेहतर निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है।

मनजिंदर सिंह सिरसा का केजरीवाल पर हमला

बीजेपी नेता और पूर्व अकाली दल सदस्य मनजिंदर सिंह सिरसा ने केजरीवाल की इस यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह आम आदमी नहीं हैं, बल्कि करोड़ों की गाड़ियों में घूमने वाले वीआईपी नेता हैं।

सिरसा ने क्या कहा?

  • “जो व्यक्ति खुद को आम आदमी कहता है, वह दो-दो करोड़ की गाड़ियों में यात्रा करता है। यह दिखावा और ढोंग है।”
  • “अगर केजरीवाल को वास्तव में साधना करनी है, तो वह सImpत्रयी तरीके से जाएं, न कि लग्जरी गाड़ियों के काफिले के साथ।”
  • “AAP हमेशा खुद को गरीबों और आम आदमी की पार्टी कहती है, लेकिन हकीकत इससे बहुत अलग है।”

उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।

क्या वाकई केजरीवाल आम आदमी हैं?

अरविंद केजरीवाल ने हमेशा खुद को आम आदमी के नेता के रूप में पेश किया है। उन्होंने अपने शुरुआती राजनीतिक दौर में वीआईपी संस्कृति का विरोध किया और सImpत्रयी जीवनशैली अपनाने का दावा किया। लेकिन समय के साथ उनके विरोधी यह आरोप लगाते रहे हैं कि उनकी जीवनशैली भी अन्य नेताओं जैसी ही बन गई है।

केजरीवाल की जीवनशैली पर विवाद

  • शुरुआती दिनों में वह मेट्रो से यात्रा करते थे, लेकिन अब उन्हें लग्जरी गाड़ियों में देखा जाता है।
  • दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें सरकारी आवास मिला हुआ है, जो काफी बड़ा और आलीशान है।
  • उनकी पार्टी के कई नेता वीआईपी सुविधाओं का उपयोग करते हैं, जबकि पार्टी खुद को आम आदमी की पार्टी कहती है।

यह पहली बार नहीं है जब केजरीवाल की जीवनशैली पर सवाल उठाए गए हैं। पहले भी उनकी सुरक्षा व्यवस्था, सरकारी बंगला और विशेष सुविधाओं को लेकर विपक्ष हमलावर रहा है।

सोशल मीडिया पर चर्चा

यह मुद्दा सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोग अलग-अलग राय व्यक्त कर रहे हैं।

कुछ प्रमुख टिप्पणियां:

  • “अगर केजरीवाल आम आदमी हैं, तो उनके काफिले में करोड़ों की गाड़ियां क्यों?”
  • “ध्यान और साधना अच्छी बात है, लेकिन दिखावे से बचना चाहिए।”
  • “हर नेता वीआईपी बन जाता है, फिर चाहे वह आम आदमी पार्टी से ही क्यों न हो!”
  • “राजनीति में कोई आम आदमी नहीं होता, सबको सत्ता की ताकत पसंद आती है।”

वहीं, AAP समर्थक इस तर्क को खारिज करते हुए कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री होने के नाते उनकी सुरक्षा आवश्यक है और यह सारी सुविधाएं सरकार द्वारा दी गई हैं।

क्या राजनीति में सImpत्रयी जीवनशैली संभव है?

राजनीति में नेताओं के लिए सुरक्षा और सुविधाएं जरूरी होती हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या कोई नेता सImpत्रयी रहते हुए भी प्रभावी शासन चला सकता है?

  1. महात्मा गांधी और जयप्रकाश नारायण जैसे नेता सImpत्रयी जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध थे।
  2. मनोहर पर्रिकर (पूर्व गोवा मुख्यमंत्री) अक्सर साधारण कपड़ों में और बिना सुरक्षा के घूमते थे।
  3. केजरीवाल का शुरुआती सफर भी सImpत्रयी था, लेकिन अब उनकी जीवनशैली बदल गई है।

यह विवाद केवल केजरीवाल तक सीमित नहीं है। कई नेताओं के वीआईपी सुविधाओं के उपयोग पर सवाल उठते रहे हैं।

निष्कर्ष

अरविंद केजरीवाल की विपासना यात्रा पर उठे विवाद ने एक बार फिर राजनीति में वीआईपी संस्कृति और सImpत्रयी जीवनशैली की बहस को जन्म दिया है।

  • विपासना एक अच्छी पहल है, लेकिन अगर इसे बिना दिखावे के किया जाए, तो इसकी विश्वसनीयता बनी रहती है।
  • मनजिंदर सिंह सिरसा का हमला विपक्षी राजनीति का हिस्सा है, लेकिन इसमें कुछ तथ्य भी हैं, जिन पर चर्चा होनी चाहिए।
  • आम आदमी पार्टी को अपने कार्यों से यह साबित करना होगा कि वह वास्तव में आम आदमी की पार्टी है, न कि सिर्फ नाम के लिए।
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