आखिरकार पकड़ा गया राम मंदिर पर हमले की साजिश रचने वाला, सामने आया ISI से कनेक्शन

गुजरात एटीएस और फरीदाबाद स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने संयुक्त अभियान में फरीदाबाद से आतंकवादी संबंध होने के संदिग्ध एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उसके पास से दो हथगोले भी बरामद किए गए, जिन्हें सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत निष्क्रिय कर दिया।
सूत्रों के अनुसार वह अयोध्या में राम मंदिर पर हमला करने की साजिश रच रहा था।
संदिग्ध की पहचान अब्दुल रहमान (19) के रूप में हुई है। वह फैजाबाद, उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। हरियाणा पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां अतिरिक्त जानकारी के लिए अब्दुल रहमान से गहन पूछताछ कर रही हैं। रहमान के मोबाइल और अन्य बरामद सामग्रियों की भी जांच की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार अब्दुल रहमान कई दिनों से फरीदाबाद के पाली गांव में फर्जी पहचान पत्र के साथ रह रहा था। जब अधिकारी उसके पास पहुंचे तो उसने भागने की कोशिश की, लेकिन उसे पकड़ लिया गया।
गुजरात एटीएस ने फरीदाबाद एसटीएफ की मदद से इस ऑपरेशन का नेतृत्व किया। जांच एजेंसियां अब अब्दुल रहमान के संपर्कों का पता लगाने और उसके इरादों का पता लगाने में व्यस्त हैं। घंटों पूछताछ के बाद आरोपी को आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया।
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार अब्दुल रहमान आईएसआई के आईएसकेपी (इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत) मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है। माना जा रहा है कि अब्दुल रहमान के अलावा अन्य लोग भी इस मॉड्यूल में शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
गौरतलब है कि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण हुआ था। प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी 2024 को किया गया। तब से मंदिर में राम भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक अब्दुल रहमान को आईएसआई ने अयोध्या में राम मंदिर पर आतंकी हमला करने के लिए तैयार किया था। यह कई समुदायों से जुड़ा हुआ है। वह फैजाबाद में मटन की दुकान चलाते हैं और ऑटो पेशे से भी जुड़े हैं। इस आतंकवादी की योजना राम मंदिर में हैंड ग्रेनेड से हमला कर भारी तबाही मचाने की थी।
उन्होंने कई बार राम मंदिर की रेकी की थी। आतंकवादी ने सारी जानकारी आईएसआई के साथ भी साझा की थी।
वह फैजाबाद से ट्रेन द्वारा फरीदाबाद पहुंचे थे। एक हैंडलर ने उसे हथगोले दिए, जिन्हें वह ट्रेन से अयोध्या वापस ले जाने वाला था। इसे सबसे पहले केंद्रीय एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर पकड़ा गया।