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गाजा प्रशासन को अपने नियंत्रण में नहीं लेगा मिस्र, खारिज किया इजरायल का प्रस्ताव

  • PublishedFebruary 27, 2025

काहिरा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। मिस्र ने गाजा पट्टी की अस्थायी प्रशासनिक जिम्मेदारी संभालने के किसी भी प्रस्ताव को सख्ती से खारिज कर दिया है। उसने स्पष्ट किया है कि वह इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के स्थायी और व्यापक समाधान के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मिस्र की आधिकारिक मिडिल ईस्ट न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता तमीम खलफ ने कहा कि ऐसे किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जा सकता जो मिस्र और अरब देशों के स्थापित रुख और संघर्ष के मूल कारणों को नजरअंदाज करता हो।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इन प्रस्तावों को “अधूरा समाधान” बताया, जो संघर्ष को समाप्त करने के बजाय उसे और लंबा खींच सकते हैं।

खलफ ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलिस्तीनी इलाके एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम भविष्य के फिलिस्तीनी राज्य की जमीन हैं और इन पर केवल फिलिस्तीन का संप्रभुत्व और प्रशासन होना चाहिए।

इजरायली विपक्ष के नेता याइर लापिद ने हाल ही में सुझाव दिया कि युद्ध के बाद गाजा का प्रशासन कम से कम आठ वर्षों तक मिस्र को दिया जाए। इसके बदले अंतरराष्ट्रीय समुदाय मिस्र के विदेशी कर्ज को चुकाने में मदद करे।

उन्होंने एक सुरक्षा व्यवस्था का प्रस्ताव भी रखा, जिसमें इजरायल, मिस्र, अमेरिका और अरब देश मिलकर गाजा की सुरक्षा व्यवस्था को संभालें। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह व्यवस्था कैसे काम करेगी।

मिस्र पहले भी 1948 से 1967 तक गाजा का प्रशासन देख चुका है। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि उन्होंने इस प्रस्ताव पर मिस्र के अधिकारियों से सीधे बातचीत नहीं की है, लेकिन क्षेत्र के अन्य नेताओं से चर्चा की है।

लापिद के प्रस्ताव के अनुसार, जिसे उन्होंने 8 बिंदुओं के प्लान के रूप में पेश किया है, जब तक गाजा में अंतिम समझौता नहीं हो जाता, तब तक मौजूदा युद्ध विराम जारी रहेगा। इस दौरान सभी बंधकों की रिहाई होगी और इजरायली सेना गाजा की बाहरी सीमाओं पर तैनात रहेगी। इस योजना में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के तहत मिस्र को गाजा का प्रशासन सौंपने की बात भी शामिल है जिसमें आंतरिक सुरक्षा और नागरिक मामले शामिल हैं।

मिस्र पहले ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रस्ताव को ठुकरा चुका है, जिसमें अमेरिका के गाजा का नियंत्रण संभालने, वहां के निवासियों को मिस्र और जॉर्डन भेजने और मध्य पूर्व में कथित तौर पर रिवेरा बनाने की योजना थी।

मिस्र, जॉर्डन और अन्य अरब देशों ने इस प्रस्ताव की निंदा की है जिसमें फ़िलिस्तीनियों को उनकी पुरानी जमीन से हटाने की बात है। उनका कहना है कि दो-राष्ट्र समाधान को फिलिस्तीनी समस्या का एकमात्र न्यायसंगत हल बताया है।

इसके बजाय, मिस्र फिलिस्तीनियों को विस्थापित किए बिना गाजा के पुनर्निर्माण की व्यापक योजना तैयार कर रहा है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए काहिरा में 4 मार्च को एक आपातकालीन अरब सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

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