महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों पर राहुल गांधी के आरोप पर बोले ECI- ‘लिखित में देंगे जवाब…’

नई दिल्ली लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार सांसद सुप्रिया सुले और शिवसेना उद्धव बालासाहब ठाकरे सांसद संजय राउत के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस पूरी की।
इतना ही नहीं कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के डिप्टी स्पीकर हॉल में हुए आयोजन संवाददाता सम्मेलन में राहुल ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली का इल्जाम लगा दिया है। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी कई तरह के प्रश्न उठाए। उन्होंने दावा किया कि चुनाव परिणामों में हेराफेरी भी कर दी गई है।
खबरों का कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद ही चुनाव आयोग की ओर से भी प्रतिक्रिया भी जारी कर डाली है। उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी है, ‘चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को प्राथमिकता वाले हितधारकों के रूप में मान रहे है। बेशक मतदाता सबसे मत्वपूर्ण होता है और राजनीतिक दलों से आने वाले विचारों, सुझावों और प्रश्नों को भी बहुत अधिक अहम् माना है। आयोग पूरे देश में समान रूप से अपनाए गए पूर्ण तथ्यात्मक और प्रक्रियात्मक मैट्रिक्स के साथ लिखित रूप में उत्तर देने वाला है।
राहुल ने लगाए कई गंभीर आरोप: मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो राहुल गांधी ने इस बारें में बोला है कि ”हम इस टेबल पर महाराष्ट्र में पिछला चुनाव लड़ने वाले पूरे विपक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हम चुनाव के बारे में कुछ जानकारी लाने जा रहे हैं। हमने विवरण का अध्ययन किया है- मतदाताओं और मतदान सूची का। हमारी टीमें काम कर रही हैं। हमें कई अनियमितताएं मिली हैं।”
राहुल ने इस बारें में अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि, ‘हम चुनाव आयोग से कह रहे हैं कि हमें गड़बड़ी मिल रही है। हमें महाराष्ट्र के मतदाताओं के नाम और पते वाली मतदाता सूची चाहिए। हमें लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची चाहिए। हमें विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची चाहिए। हम यह समझना चाहते हैं कि ये नए नाम कौन-कौन से हैं। बहुत सारे मतदाता हैं, जिनके नाम हटा दिए गए हैं।” अपनी बात को जारी रखते हुए राहुल ने आगे बोला है कि ”एक बूथ के मतदाता दूसरे बूथ पर स्थानांतरित कर दिए गए हैं। इनमें से ज्यादातर मतदाता दलित समुदायों, आदिवासी समुदायों और अल्पसंख्यक समुदायों से आते हैं। हमने चुनाव आयोग से बार-बार अनुरोध किया है। उन्होंने हमें कोई जवाब नहीं दिया है। विपक्ष के नेता ने संसद भवन में यह बात कही है। चुनाव आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया है। अब उनके जवाब न देने का एकमात्र कारण यह है कि उन्होंने जो किया है, उसमें कुछ गड़बड़ है। मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं। मैं यहां स्पष्ट रूप से डेटा प्रस्तुत कर रहा हूं।’
‘हिमाचल प्रदेश के कुल मतदाताओं के बराबर जुड़े मतदाता: इतना ही नहीं इस बारें में उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ते हुए बोला है कि ‘महाराष्ट्र में विधानसभा 2019 और लोकसभा 2024 के बीच पांच साल में 32 लाख नए मतदाता जोड़े गए। लोकसभा 2024 और विधानसभा 2024 के मध्य 5 माह में 39 लाख नए मतदाता जोड़े गए। इतना ही इस बारें में उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि “सवाल ये है कि 5 महीने के अंदर पिछले 5 साल से ज्यादा मतदाता कैसे जोड़े गए? यह हिमाचल प्रदेश के कुल मतदाताओं के बराबर है। दूसरा मुद्दा यह है कि महाराष्ट्र में राज्य की पूरी मतदाता आबादी से ज्यादा मतदाता क्यों हैं? किसी तरह से अचानक ही महाराष्ट्र में मतदाता बनाए गए हैं।”
इस पर क्या बोले संजय राउत?: शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने इस बारें में बोला है कि ‘अगर देश का चुनाव आयोग ‘जिंदा’ है तो उन्हें राहुल गांधी ने जो पूछा है उसका जवाब देना चाहिए। चुनाव आयोग जवाब नहीं देगा, क्योंकि वे उस सरकार के गुलाम बन गए हैं। ये अतिरिक्त 39 लाख मतदाता अब कहां जाएंगे? वे बिहार जाएंगे क्या? हमने उनमें से कुछ को दिल्ली चुनाव में देखा। वे अब बिहार और फिर यूपी जाएंगे।’
अब सुप्रिया सुले का आया बयान?: NCP-SCP नेता सुप्रिया सुले ने इस बारें में बोला है कि, ‘हम चाहते हैं कि उन निर्वाचन क्षेत्रों में भी बैलेट पेपर पर दोबारा चुनाव हों, जहां हमारे उम्मीदवार जीते हैं। 11 सीटें ऐसी हैं, जहां हम पार्टी के चुनाव चिन्हों के बीच भ्रम के कारण चुनाव हार गए।” अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सुप्रिया ने कहा है कि यहां तक कि सत्ताधारी पार्टी ने भी इसे स्वीकार कर लिया है। हमने ‘तुतारी’ चुनाव चिन्ह बदलने के लिए कई बार अनुरोध किया, लेकिन अनुरोध पर विचार नहीं किया गया। हम केवल चुनाव आयोग से निष्पक्षता की मांग करते हैं।”